तुम में बसकर तुम हो जाऊँ फासलों में पला इश्क पनाह को तरसे तुम में बसकर तुम हो जाऊँ फासलों में पला इश्क पनाह को तरसे
धूल भरी आँधी में भटकती जाती एक मोटर गाड़ी धूल भरी आँधी में भटकती जाती एक मोटर गाड़ी
बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय का उद्घोष। बहुजन हिताय और बहुजन सुखाय का उद्घोष।
सब रास्ते सारी गली अब, महकती बन के कली, राहों में भटकती मैं चली, कभी इस गली कभी उस ग सब रास्ते सारी गली अब, महकती बन के कली, राहों में भटकती मैं चली, कभी इस...
आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ? आत्मा निर्विकार अमर आत्मा संग दोष कैसे आया ?
शोक जगत को छोड़ उस पल, परमात्मा हो जाती है. शोक जगत को छोड़ उस पल, परमात्मा हो जाती है.